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‘देखिए सिकंदर, आप ठीक साढ़े ग्यारह बजे पहुँच जाइएगा। यह समझ लीजिए कि यहाँ भारत या पाकिस्तान की तरह नहीं चलता है। अगर एक वक्त दिया जाता है तो पाबंदगी से उस पर अमल भी किया जाता है। आप मेरी बात समझ रहे हैं न?’ वे अपनी बात सिकंदर तक पहुँचाने का पूरा प्रयास कर रही थीं। सिकंदर भी थोड़ी झिझक और थोड़ी इज्जत की शर्म लिए खड़े थे, ‘बाजी अब आप ही देखिए न, साउथहॉल से फिंचले सेंट्रल तक आना कोई आसान बात तो नहीं न जी। रास्ते में नॉर्थ सर्कुलर पर भी गाड़ी चलानी पड़ती है। नॉर्थ सर्कुलर के ट्रैफिक से तो आप वाकिफ हैं न बाजी?’