संध्या की छाया में
मदन–हिंदी का एक लेखक, अथवा हिंदी के लेखकों की साकार परिभाषा। आयु लगभग 35 वर्ष, परंतु चेहरा कहता है कि आयु इससे दस वर्ष अधिक है। करुणा–मदन की पत्नी। माता और पत्नी की संज्ञा लिए भारतीय नारीत्व की ज्वाला पर बुझी-सी। आयु लगभग 30 वर्ष।
मदन–हिंदी का एक लेखक, अथवा हिंदी के लेखकों की साकार परिभाषा। आयु लगभग 35 वर्ष, परंतु चेहरा कहता है कि आयु इससे दस वर्ष अधिक है। करुणा–मदन की पत्नी। माता और पत्नी की संज्ञा लिए भारतीय नारीत्व की ज्वाला पर बुझी-सी। आयु लगभग 30 वर्ष।
उस दिन हिंदी के प्रसिद्ध कवि तथा नाटककार डॉ. राजकुमार वर्मा एक बहुत जरूरी कागज अपनी फाइल में ढूँढ़ रहे थे तो लिफाफे में उनकी एक चमकदार करैत साँप से भेंट हो गई।
राजनीति ने साहित्य को सदा से दबाया है। राजनीतिक पंत के नाम ने साहित्यिक पंत के नाम को अपने में पचा लिया है।
मैथिली हमरो त श्याम एहन सुंदर छथि जिनका लखि सत काम लजावइ।
राजर्षि श्री पुरुषोत्तम दास जी टंडन कांग्रेस के नासिक अधिवेशन के अध्यक्ष चुन लिए गए। यह समाचार हिंदी-संसार में बड़ी प्रसन्नता से सुना जाएगा। टंडन जी का जीवन हिंदीमय रहा है। देश-प्रेम की भावना उनमें हिंदी-प्रेम के रूप में प्रस्फुटित हुई!
इन्हीं नाटककार सेठ जी का एक समाचार मिला है कि आपने जबलपुर में अपने राजप्रासाद (राजा गोकुलदास पैलेस) में एक शेर का बच्चा पाला है।