तनी दीहऽ कोदार

बूढ़ा बाप बेटे से कुदाल माँग रहा है खेत का कोना कोड़ने के लिए। क्योंकि वहाँ हल नहीं पहुँच पाता।कोना ना लागल बा हरवा होतनी दीहऽ कुदार।

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सावन का गीत

भारतीय शृंगार प्रसाधन की गुरुता और महत्ता इतनी रोचक है और यह रही होगी कि हमारे लोकगीतों तक में थोड़ा बहुत जिक्र इस विषय का मिलता है। शृंगार तो अब कई प्रकार के और नए-नए ढंग से प्रचलित है।

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सिगरेट

सिगरेट के मुँह को दियासलाई की छोटी-सी ज्वाला से जला दिया। प्रश्न उठता है–निर्धनता के जाल में तड़पने वाले प्राणी को सिगरेट पीने का क्या अधिकार?

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