बदरा की, ए सखि हमरा बतावइ
मैथिली हमरो त श्याम एहन सुंदर छथि जिनका लखि सत काम लजावइ।
मैथिली हमरो त श्याम एहन सुंदर छथि जिनका लखि सत काम लजावइ।
राजर्षि श्री पुरुषोत्तम दास जी टंडन कांग्रेस के नासिक अधिवेशन के अध्यक्ष चुन लिए गए। यह समाचार हिंदी-संसार में बड़ी प्रसन्नता से सुना जाएगा। टंडन जी का जीवन हिंदीमय रहा है। देश-प्रेम की भावना उनमें हिंदी-प्रेम के रूप में प्रस्फुटित हुई!
इन्हीं नाटककार सेठ जी का एक समाचार मिला है कि आपने जबलपुर में अपने राजप्रासाद (राजा गोकुलदास पैलेस) में एक शेर का बच्चा पाला है।
घिर घिर आयेल मेहरा बरसले बरसात कइसे कटाईब सजनी, एकसरुआ के रात।
घास बाँस के बने घरौंदा, लगी थोंभरिया थुनियाँ, तिनमाँ छिपैं अन्न के दाता, यहै गाँव की दुनियाँ।
गछिया कान्हा झूलै हे। थिरकै सावन वन में, नभ में, मन में राधा तूलै हे।