भूख की मार
‘आप हमारी बात को नहीं समझ रही हैं। हमारे यहाँ मात्र एक महीने के इलाज से आपकी अँग्रेजी दवा पूरी तरह छूट जाएगी। फिर आपको तो सिर्फ एक बार ही मोटी रकम खर्च करनी है।
‘आप हमारी बात को नहीं समझ रही हैं। हमारे यहाँ मात्र एक महीने के इलाज से आपकी अँग्रेजी दवा पूरी तरह छूट जाएगी। फिर आपको तो सिर्फ एक बार ही मोटी रकम खर्च करनी है।
मानव समाज के इस दिल दहला देने वाले दृश्य को देखकर उसके साथी गिद्ध ने कहा–‘...वरना? वरना क्या? इस दूसरी कोरोना लहर में ही मानव की हैवानियत के थर्मामीटर का तापमान 103 डिग्री पार कर गया है।
‘बात सिर्फ इतनी सी रहती तब भी चल जाती। मगर तुम्हारे दोस्त रामू का बाप रघुआ तो एक नंबर का शराबी है। झोपड़-पट्टी में जाकर शराब पीता है। रात-रात भर गाँव में जाकर रंडी का नाच देखता है!’
शिलान्यास की दु:ख भरी कहानी सुनाने लगी–‘जानती हो बहना? बिक्रमगंज मोहल्ले की सड़क जर्जर हो चुकी थी! जिस सड़क को,
दोनों किडनी ने काम करना बंद कर दिया है। आपके पिता जी पर टी.बी. का भी असर है। फेफड़ा निमोनिया से ग्रस्त है।’ डॉक्टर ने समझाते हुए कहा।
‘औलाद की! एक भी बेटा या बेटी हो जाती तो मैं अपने जीवन को सार्थक समझती!’‘अपनी औलाद तो अपनी नहीं होती रूपा! क्यों न हम कोई बच्चा गोद ले लें?’