रामदरश मिश्र के आरंभिक उपन्यास

1961 में आया 'पानी के प्राचीर' रामदरश मिश्र का पहला उपन्यास है, उसके लिखने के पीछे 'मैला आंचल' लेख जैसे आंचलिक उपन्यासों की सबल प्रेरणा रही है।

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नई धारा संवाद : प्रसिद्ध कथाकार गीतांजलि श्री

हिंदी की चर्चित लेखिका गीतांजलि श्री के पाँच उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं, जिनमें पहला उपन्यास था ‘माई’, ‘तिरोहित’,

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एक नाव में अनेक नाविक

सर्जना बहुत अलग विषय है, वह छठवीं इन्द्री के जाग्रत होने पर अवतरित होती है। व्यवसाय से सर्जना का कोई संबंध नहीं है। सर्जक होना सौभाग्य होता है।

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बसंत के इन फूलों पर

सोने की तरह चमके हैं उनके मस्तक पर मैं सर में रखे उस टोकरे का क्या करूँ जो अब भी गंध फेंक रहा है जस का तस और धोई जा रही है दीक्षा भूमि जो गंधा उठी है देहों के स्पर्श से

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सींग पैने हैं

शैली की बात आई है तो इसी संग्रह की ‘प्रभु बोर हो रहे हैं’ रचना याद आ रही है। लेखक ने कल्पना की है कि कोरोना का प्रोटोकॉल क्षीरसागर तक पहुँच गया है

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तुम्हारे साथ रहूँगा

जानता हूँ, उस वक्त भी तुम गाली दोगी, दुर्दुराओगी गुस्सा होओगी, भगाओगी पर मैं तुम्हारे साथ रहूँगातुम्हें, छोड़कर जाने के लिए तुम्हें प्यार नहीं किया है साथ रहने के लिए प्यार किया है

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