पक्षपात

अभी फोन पर बात ही हो रही थी कि बातों के बीच में टू टू टू की आवाज आने लगी। ऐसा ही होता है पुस्तक प्रकाशन के बाद के कुछ दिनों तक।

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समाजसेविका शीला सिन्हा

श्रीमती शीला सिन्हा एक कुशल गृहणी, आदर्श पत्नी, गौरवमयी माता, निष्ठावान समाज सेविका और सर्वजन हिताय मानव स्वरूपा थीं।

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मेरे हिस्से में अम्मा

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई, मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई!

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