अम्मा
जब तक हम भाई-बहन हैं और हमारे बच्चे हैं, उन सबमें हमारी अम्मा की छवियाँ अपनी मौजूदगी से हमें समृद्ध करती रहेंगी!
जब तक हम भाई-बहन हैं और हमारे बच्चे हैं, उन सबमें हमारी अम्मा की छवियाँ अपनी मौजूदगी से हमें समृद्ध करती रहेंगी!
होता ही रहेगा यह विक्रम और बैताल, सच भी चलता रहेगा अपनी चाल।मैंने उसे सच कहा और उसको खो दिया।
अम्मा जी नहीं रहीं! अम्मा यानी श्रीमती शीला सिन्हा...‘नई धारा के संस्थापक संपादक एवं प्रसिद्ध साहित्यकार उदय राज सिंह की धर्मपत्नी! विगत 27 जुलाई, 2021 को 90 वर्ष की आयु में उनका लोकांतरण हो गया।
मेरी दृष्टि में श्रीमती शीला सिन्हा ने एक भरपूर अनुकरणीय जीवन जीया और स्वयं को उन बंधनों और सोच से मुक्त रखा जो आत्मा के विस्तार को कुंठित करते हैं।