कैकेयी के चरित्र का विकास

विश्वरचयिता की भाँति कवि भी सृष्टि-कर्त्ता है। उसकी सृष्टि सौंदर्य की सृष्टि है। अपनी असाधारण प्रतिमा एवं असाधारण पर्यवेक्षण-शक्ति के द्वारा वह इस विशाल विश्व के अणु-अणु में सौंदर्य के दर्शन करता है।

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लंदन : युद्ध की छाया में

नीली वर्दी में औरतें कुली का काम कर रही थीं, लोग कायदे से इधर-उधर चल-फिर रहे थे, भीड़ बहुत थी किंतु शोर कम, और दूर, फीके आकाश में तीन-चार चीलें उड़ रही थीं।

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इस्लामी साहित्य में प्रेम का तत्त्वज्ञान

भिन्न-भिन्न राष्ट्रों ने अपनी-अपनी संस्कृति के अनुसार प्रेम का प्रकाश करने के लिए भिन्न-भिन्न रीतियाँ निकाल रखी हैं।

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