आलोचना की विश्वसनीयता

हिंदी के ऐतिहासिक महत्त्व की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘नई धारा’ 2020 का रचना सम्मान’ प्राप्त कर गौरव का अनुभव कर रहा हूँ। इस सम्मान के योग्य मुझे समझा गया, इसके लिए आभार व्यक्त करता हूँ। इस अवसर पर साहित्य-मूल्यांकन विशेषकर समकालीन आलोचना पर दो बातें कहना चाहता हूँ।

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नई धारा संवाद : रामदरश मिश्र (प्रसिद्ध साहित्यकार)

इस कड़ी में हमारे साथ हैं हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार, बल्कि मैं कहूँ कि अभी के वरिष्ठतम साहित्यकार रामदरश मिश्र जी। रामदरश मिश्र जी का जन्म 15 अगस्त 1924 को गोरखपुर के डुमरी गाँव में हुआ।

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हम फिर मिलेंगे

मुझे याद है वह बसंत का मौसम था मैंने उससे इतना ही कहा– अगले बसंत में हम फिर मिलेंगे चिड़ियों वाले उसी घने पेड़ के नीचे!

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