ईश्वर सब देखता है

मंदिर के चबूतरे पर पालथी मारकर पुजारी ने अपने प्रवचन आरंभ करने से पूर्व भगवान की मूर्ति को देखा और शंख फूँककर वातावरण में भक्ति का भाव भरा। तत्पश्चात भक्तगण की ओर मुखातिब होकर कहा–‘प्रिय भक्तो! कल मैंने आप सभी को ईश्वर की महिमा के बारे में बताया था, उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए मैं कहना चाहूँगा कि हम सब अपने जीवन में जो कार्य करें, सोच-समझकर करें, क्योंकि हम जो भी अच्छा या बुरा करते हैं, उसे कोई देखे या न देखे, ईश्वर जरूर देखता है...इसलिए हमें ईश्वर से डरना चाहिए...।’

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हिस्से का धर्म

साल भर में ही बकरी का बच्चा खा-पीकर काफी मोटा और तगड़ा हो गया था। त्योहार के मौके पर माँ-बेटे साथ मिलकर उसे बेचने बाजार जा रहे थे। बकरी के बच्चे के गले में बँधी रस्सी को खींचता हुआ बेटा आगे चल रहा था और माँ पीछे।

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आधी दहलीज पर औरतें

उम्र की आधी दहलीज पार कर चुकी औरतें सुबह-सुबह ढूँढ़ती हैं जीवन में अदरक की चाय सी महक देर तक बैठ सुस्ताती हैं सुनती हैं बीत चुकी उम्र की गूँज

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उपाय

कहीं से घूमते हुए गाँव में पधारे महात्मा को अपने घर पर बुलाकर सुस्वादु भोजन कराते हुए एक युवक ने अनुनय किया–‘बाबा जी कुछ ऐसा उपाय बताओ कि मैं इस बार इम्तहान में पास कर जाऊँ और जल्दी ही कोई अच्छी नौकरी लग जाए...।’ महात्मा ने आँखें मूँदकर कुछ पल सोचा फिर कहा–‘खूब मेहनत से पढ़ो...समय को पहचानो।’

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एक लालटेन तो जलाओ

मर न जाए आँखों के सपने पल पल झरती इस दुनिया में कि उन्हें छूने दो अँगुलियों से नीलगगन आकाश में लटकता सूरज चिढ़ा रहा है तुम्हें कौन?मंद हो गई है चाँद की रोशनी कि भटकती राह में एक दिया ही काफी है उसे आँधियों से बचा ले जाओ, वहाँ

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