उनको मेरा हबीब कहते हैं

इतनी नफ़रत को पाल कर दिल में आप ख़ुद को अदीब कहते हैंजिनकी आँखों का मर गया पानी हम उन्हें बदनसीब कहते हैं

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मैं और मेरा कथाकर्म

कहानियाँ जो वर्तमान को गहराई से अंकित तो करे ही, एक गंभीर व सकारात्मक भविष्य-दृष्टि भी सृजित करे, जिससे हमारे समाज को संचालित करने वाली शक्तियाँ सचेत हो सकें।

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कॉफी में क्रीम

शाम का धुँधलका अपने चरम पर था। काले बादलों का झुंड, सफेद बादलों के साथ एकाकार होते, डूबते सूरज की लालिमा में विलीन हो

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समकालीन कहानियों में किन्नर विद्रोह

किन्नर समुदाय के प्रति समाज की मानसिकता बदलनी जरूरी है, साथ ही उन्हें हर क्षेत्र में प्रतिनिधित्व मिले। तब वे इनसान के रूप में खड़े होंगे समाज में।

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माधोपुर का घर

एक पालतू जानवर कहानी के केंद्र में है, जहाँ वह सिर्फ एक पात्र नहीं है। कथाक्रम को बढ़ाने की जिम्मेदारी भी लेखक ने उसी के कंधे पर डाल दिया है।

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कथाकार कमलेश्वर से मुलाकातें

कमलेश्वर साहित्य जगत का जाना-माना नाम है। कथाकार, उपन्यासकार, संपादक और एक्टिविस्ट के रूप में बुद्धिवादियों का एक बड़ा तबका उनकी रचनात्मकता का मुरीद है।

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