प्रेम विवाह में प्रेम

प्रेम विवाह के दर्द के मारे बेचारे आजकल सारी दुनिया को समझाते फिरते हैं कि प्रेम भले ही कर लेना पर प्रेम विवाह भूल कर भी मत करना, साला न प्रेम बचता है न ही विवाह। जिंदगी नरक हो जाती है, आदि आदि।

और जानेप्रेम विवाह में प्रेम

क्रूगर नेशनल पार्क की यात्रा

अगर आपको वन्य प्राणियों में दिलचस्पी हो तो आप वहाँ स्थित क्रूगर नेशनल पार्क कभी भी मिस नहीं कर सकते। (वैसे भी अफ्रीका अपने बिग 5 जानवरों के लिए जाना जाता है, भैंसा, हाथी, शेर, चीता और गैंडा)। एक तो यह पार्क लगभग 19000 वर्ग किमी में स्थित है जिसे पूरी तरह से देखने में आपको कई हफ्ते भी लग सकते हैं।

और जानेक्रूगर नेशनल पार्क की यात्रा

रोकें न अपनी फिक्र को

रोकें न अपनी फिक्र को पतझड़ के आसपास दीमक लगी हुई है हर इक जड़ के आसपासवो बेधड़क घरों में भी आएँगे एक दिन जो खौफ लामबंद हैं नुक्कड़ के आसपास

और जानेरोकें न अपनी फिक्र को

मलखान सिंह सिसौदिया–कविता में मृत्युंजय संकल्प

श्री सिसौदिया की संपूर्ण काव्य-यात्रा संशय रहित मृत्युंजय संकल्प से आविष्ट है और उसकी जड़ें जन सामान्य के जन-संघर्ष और देश की सांस्कृतिक-सामाजिक मनोभूमि में गहरे धँसी हुई हैं। सन् 2010 ई. में दिवंगत हुए मलखान सिंह जी की कुछ कविताएँ अभी संग्रहबद्ध नहीं हो पाई हैं। अच्छा हो कि उनके परिवारजन और आत्मीय लोग उनकी रचनावली के प्रकाशन का संकल्प लें और उनकी अप्रकाशित-असंग्रहबद्ध रचनाओं को भी उनमें सहेजा जाए।

और जानेमलखान सिंह सिसौदिया–कविता में मृत्युंजय संकल्प

कोई भी आह किसी की न निर्वचन जाती

कोई भी आह किसी की न निर्वचन जाती अगर वे होते तो उनकी दमन से ठन जातीउमड़ के भीड़ ने बर्बाद कर दिया नक्शा सब इक कतार में चलते तो राह बन जाती

और जानेकोई भी आह किसी की न निर्वचन जाती

विपक्ष के न कभी कर सकेंगे खम सीधे

विपक्ष के न कभी कर सकेंगे खम सीधे जो चक्रव्यूह में दाखिल हुए न हम सीधेहमारी आवभगत में वो बाँकपन है हजूर इधर जो आते हैं, हो जाते हैं वे गम सीधे

और जानेविपक्ष के न कभी कर सकेंगे खम सीधे