ऐसा भी होता है
बात थोड़ी पुरानी है। जनवरी 1983 की सात तारीख। नाथनगर (भागलपुर) के नूरपुर मुहल्ले में रहकर मैं एम.ए. की पढ़ाई कर रहा था। परीक्षा हो चुकी थी, परीक्षाफल का इन्तज़ार…
बात थोड़ी पुरानी है। जनवरी 1983 की सात तारीख। नाथनगर (भागलपुर) के नूरपुर मुहल्ले में रहकर मैं एम.ए. की पढ़ाई कर रहा था। परीक्षा हो चुकी थी, परीक्षाफल का इन्तज़ार…
कीचड़ में मार्क्स और अम्बेडकर : जिन दिनों मैं चुन्नी मोहल्ले में गंगुर्रा वाली मौसी को दे दिए नाना के घर में रह रहा था, तब मामा अमर सिंह इसके साथ वाले कमरे में रहते थे।
गाँव चकमहमद, पत्रालय देसरी, जिला वैशाली (हाजीपुर), राज्य बिहार। सौ-सवा सौ घरों का गाँव। उत्तर-पूरब में घाघरा नदी
स्त्रियों को शिक्षा और जागृति की ओर ले चलने का उपाय करना चाहिए न कि उनकी निजता में ताक झाँक करनी चाहिए।
मेरा यह सौभाग्य रहा है कि मैं अभी तक लघुकथा के प्रायः सभी महत्त्वपूर्ण संकलनों का एक उल्लेखनीय हिस्सा रहा हूँ।
उस लेखक का आप क्या कर सकते हैं जिसके समूचे साहित्य में उसका जीवनानुभव घुसा हुआ हो! यह नागार्जुन ही थे