मौत को ज़िंदा जलाने के
चल चलें बिखरे पड़े विज्ञान की योजना पटरी पे लाने के लिएदूर हो आपस की ये नाराज़गी आँख तरसे दिल मिलाने के लिएकाट ली जीवन चटाई पर मिले चार गज कुटिया बनाने के लिए
चल चलें बिखरे पड़े विज्ञान की योजना पटरी पे लाने के लिएदूर हो आपस की ये नाराज़गी आँख तरसे दिल मिलाने के लिएकाट ली जीवन चटाई पर मिले चार गज कुटिया बनाने के लिए
वो समंदर है सूख जाएगा कोई नक्शा गजब उकेरा हैलोग चलते हैं इस भरोसे पर दो कदम दूर बस सवेरा हैचाह कर भी न वो सँभल पाया इस तरह मुफलिसी ने घेरा है
फाजिल बातों में उलझाने का मतलब असली मुद्दों से केवल भटकाने हैंपरिभाषित कर कोरोना घर-घर कहती जिनको भी अपना कहते, बेगाने हैं
आप आए हैं फिर, शुक्रिया आपका गाँव भाए हैं फिर, शुक्रिया आपका बदबुओं से भरे ये गली-रास्ते महमहाये हैं फिर, शुक्रिया आपका ख़ुशनुमा वायदों की गठरियाँ कई ढो के लाए हैं फिर, शुक्रिया आपका
पानी बरसा धुआँधार फिर बादल आए रे धन्य धरा का हुआ प्यार, फिर बादल आए रेधूल चिड़चिड़ी धुली, नहा पत्तियाँ लगीं हँसने प्रकृति लगी करने सिंगार, फिर बादल आए रे
(पाँच) रहने को ख़ुशी आई थी मेहमान हो गई दो दिन ही सही मुझ पे मेहरबान हो गई भगवान तो हँसते हैं खुले खेत में, दिल में मंदिर में बंद मूर्ति लो भगवान हो गई