देर तक कायम रहे हालात
देर तक क़ायम रहे हालात वो पैदा तो हो सोच का यह दायरा थोड़ा बहुत लंबा तो हो बस यही हम सोचते हैं शाम के ढलने के बाद रात भर के रेशमी आँचल की ही चर्चा तो हो
देर तक क़ायम रहे हालात वो पैदा तो हो सोच का यह दायरा थोड़ा बहुत लंबा तो हो बस यही हम सोचते हैं शाम के ढलने के बाद रात भर के रेशमी आँचल की ही चर्चा तो हो
बेबस दिन और बोझिल रातें गीत ग़ज़ल हैं दिल की बातेंमिसरा पूरा करने को हम जागे कितनी तन्हा रातेंअब भी तपता है मन मेरा
लोगों से मैंने कोई भी शिकवा नहीं किया जो भी है सामने है दिखावा नहीं किया माना कि कोई दोस्त हमारा ना हो सका
फ़ौलादी सीनों में जलती प्रेम की अगन ज़रूरी है कुछ भी हो जाए मेरे यारों पहले वतन ज़रूरी है सच कहता हूँ दुनिया में सब कुछ पाया जा सकता है
किसी बात का ग़म इधर भी नहीं है मेरा अब कोई हमसफ़र भी नहीं हैदुआएँ समेटे बढ़ा जा रहा हूँ, कोई और अब रहगुज़र भी नहीं है
पूरी तरह खड़ा हूँ मैं इस ज़िंदगी के साथ कीजे क़बूल मुझको मेरी बेबसी के साथसहरा में घर बना के कहाँ चैन से हूँ मैं करने लगी मज़ाक़ हवा रोशनी के साथ