सीजफायर की सभी तख्ती लिए हैं

सीजफायर की सभी तख्ती लिए हैं ये अमन के दूत या घुसपैठिये हैंभेड़ की तादाद कमतर हो रही है झुंड में शायद छुपे कुछ भेड़िये हैं

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मुहब्बत सबके बस का फन नहीं है

मुहब्बत सबके बस का फन नहीं है इबादत है, ये पागलपन नहीं हैबहुत मुमकिन है वो घर टूट जाए जहाँ रिश्तों में अपनापन नहीं हैजहाँ नीलाम होती हों बहारें वो मेरे ख्वाब का गुलशन नहीं है

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दिल कहाँ धड़कन कहां मत पूछिए

दिल कहाँ धड़कन कहाँ मत पूछिए घूरता है वक्त नीयत पूछिएबेशकीमत आदमी होगा जरूर क्या है उसकी आज कीमत पूछिएनाम पर गुरबत के साजिश लूट की

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बाखबर हम हैं

बाखबर हम हैं मगर अखबार नहीं हैं बाकलम खुद हैं मगर मुख्तार नहीं हैंक्या कहा हमने भला इक शेर कह डाला अगर कट गए वो और हम तलवार नहीं हैंआप ही तो साथ थे अब आपको हम क्या कहें

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वो ख्यालों में उतर जाता है

वो ख्यालों में उतर जाता है अब्र आँखों में ठहर जाता हैरब के ही दर पे बशर जाता है दर्द जब हद से गुजर जाता हैरात के बाद ही दिन आएगा वक्त थोड़ी न ठहर जाता है

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मत गँवा वक्त सिर्फ रोने में

मत गँवा वक्त सिर्फ रोने में लग जा ख्वाबों को फिर सँजोने मेंएक दुख के सिवा मिला ही क्या मरते रिश्तों को यूँ ही ढोने मेंजख्म नासूर बनता जाता है अश्क से रोज-रोज धोने में

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