गरचे सौ चोट हमने खाई है

गरचे सौ चोट हमने खाई है अपनी दुनिया से आशनाई हैजिंदगी तू अजीज है हमको तेरी कीमत बहुत चुकाई हैजिनसे कुछ वास्ता नहीं मेरा किसलिए उनकी याद आई है

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बैठकर मुस्का रही हो तुम

बैठकर मुस्का रही हो तुम सच बहुत ही भा रही हो तुमबाँसुरी विस्मित समर्पित-सी गीत मेरा गा रही हो तुम

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तनहा मंजर हैं तो क्या

तन्हा मंजर हैं तो क्या सात समंदर हैं तो क्याजरा सिकुड़ के सो लेंगे छोटी चादर है तो क्याचाँद सुकूँ तो देता है जद से बाहर हैं तो क्या

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आँधियाँ ओढ़ कर मेरी बिट्टू

आँधियाँ ओढ़ कर मेरी बिट्टू आ रही दौड़कर मेरी बिट्टूवक्त से हाथ अब मिलाएगी सबके भ्रम तोड़कर मेरी बिट्टू

और जानेआँधियाँ ओढ़ कर मेरी बिट्टू

हवा में है

हवा में है वो अभी आसमान बाकी है अभी परिंदों की ऊँची उड़ान बाकी है अभी तो उम्र के पन्ने पलट रहा है वो अभी तो जिंदगी की दास्तान बाकी हैनजर में आपकी कंगाल हम भले ठहरे हमारे पास अभी स्वाभिमान बाकी है

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इतना हसीं कहाँ मेरा पहले नसीब था

इतना हसीं कहाँ मेरा पहले नसीब था तुमसे मिला नहीं था तो कितना गरीब थामेरा जो हो के भी कभी मेरा नहीं हुआ कोई नहीं वो और था मेरा हबीब थादेखा नहीं नजर उठा के भी कभी उसे

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