वक्त की पदचाप सुनकर देखिए

वक्त की पदचाप सुनकर देखिए सुन सकेंगे आप, सुनकर देखिएहम उबलके जो न कह पाए अभी कह रही है भाप, सुनकर देखिएकौन है वो देवता किसका अभी चल रहा है जाप, सुनकर देखिए

और जानेवक्त की पदचाप सुनकर देखिए

नींव कितनी भी ली बड़ी हमने

नींव कितनी भी ली बड़ी हमने की तो दीवार ही खड़ी हमनेवक्त का जो मिजाज भी कह दे अब लगा ली है वो घड़ी हमनेहम जहाँ रोज आके मिलते थे जंग अक्सर वहीं लड़ी हमने

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रोकें न अपनी फिक्र को

रोकें न अपनी फिक्र को पतझड़ के आसपास दीमक लगी हुई है हर इक जड़ के आसपासवो बेधड़क घरों में भी आएँगे एक दिन जो खौफ लामबंद हैं नुक्कड़ के आसपास

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कोई भी आह किसी की न निर्वचन जाती

कोई भी आह किसी की न निर्वचन जाती अगर वे होते तो उनकी दमन से ठन जातीउमड़ के भीड़ ने बर्बाद कर दिया नक्शा सब इक कतार में चलते तो राह बन जाती

और जानेकोई भी आह किसी की न निर्वचन जाती

विपक्ष के न कभी कर सकेंगे खम सीधे

विपक्ष के न कभी कर सकेंगे खम सीधे जो चक्रव्यूह में दाखिल हुए न हम सीधेहमारी आवभगत में वो बाँकपन है हजूर इधर जो आते हैं, हो जाते हैं वे गम सीधे

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युद्धबंदी दूसरे नुस्खों से मारे जाएँगे

युद्धबंदी दूसरे नुस्खों से मारे जाएँगे नर्क क्या, वे शत्रु शहरों से गुजारे जाएँगेशहर पर हमला हुआ है आप चिंता मत करें जो यहाँ जिंदा हैं, केवल वे ही मारे जाएँगे

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