लोग कद से खासे लंबे जा रहे है

जिंदगी में लोग हैं बिल्कुल अकेले फेसबुक पर दोस्त जुड़ते जा रहे हैं आगे बढ़ने की ललक में किसने देखा लोग कितना पीछे छूटे जा रहे हैं

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मैंं जब-तब सोचकर डरता हूँ

उदासी के समंदर में डुबो दे उसका भारीपन अगर रो-रो के थोड़ा खुद को वह हल्का न कर डालेगरीबी खत्म कर डाले जरा-सी देर में खाना करे क्या माँ, अगर उसको तनिक तीखा न कर डालेकमा कर रख लिया है खूब सारा तुमने भी पैसा तुम्हारा भी शिकार इक दिन यही पैसा न कर डाले

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सच मिटाने से कभी मिटता नहीं

सच मिटाने से कभी मिटता नहीं झूठ ज्यादा दिन तलक टिकता नहींआँख में थोड़ी हया रक्खा करो तेरे घर भी बेटी है दिखता नहींजो खुदा को भूल बैठे उसका सिर फिर कभी दरगाह पर झुकता नहीं

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हूँ उम्मीद की लौ बुझाओगे कैसे

हूँ उम्मीद की लौ बुझाओगे कैसे उजाला हूँ मुझको मिटाओगे कैसेचलन देश का भ्रष्ट जब हो गया है बता नौजवानों मिटाओगे कैसेअगर आरजू हौसला खो दिया तो

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जिंदगी दाव पर

जिंदगी दाँव पर, मैं लगाती रही देश हित में कदम, मैं बढ़ाती रहीगाँव घर शहर शिक्षा से परिपूर्ण हो ज्ञान का दीप मैं तो जलाती रहीहर घड़ी नारियों को दे कर हौसला नारी सम्मान को मैं जगाती रही

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वो दिल मुझसे लगाना चाहता है

वो दिल मुझसे लगाना चाहता है वो अब अपना बनाना चाहता हैनजर भर देख कर जीने लगा वो नजर में अब बसाना चाहता हैमेरी वो माँग हाथों से सजाकर मुझे दुल्हन बनाना चाहता है

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