कहीं खोया हूँ मैं

कहीं खोया हूँ मैं, तू गुम कहीं है ये मंजर आज भी कितना हसीं हैमुहब्बत आपसे करने की खातिर जरूरत आपकी मुझको नहीं हैनिकल कर आपकी बाहों से पाया

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जागती आँखों में कुछ सपने

जागती आँखों में कुछ सपने लिए आ जाइए हम जलाएँगे उम्मीदों के दीये, आ जाइएसीख लीजे मुश्किलों में खिलखिलाने का हुनर लब पे गम की दास्ताँ मत लाइए, आ जाइएगड्डियों में ताश की हर दर्दो-गम को फेंटकर ढूँढ़ लेंगे सर्किलों के जाविये, आ जाइए

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भले आय नहीं

भले आए नहीं तुमको किसी अंजाम की खुशबू फिजा में खुद ही फैलेगी तुम्हारे काम की खुशबूतुम्हीं माने नहीं और चल पड़े ऊँची दुकानों में मुझे तो आ रही थी खूब ऊँचे दाम की खुशबू

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क्या थे किरदार क्या कहानी थी

क्या थे किरदार क्या कहानी थी वो भी क्या खूब जिंदगानी थीखूबसूरत जड़ें सितारे थे उसकी चादर जो आसमानी थीएक ठोकर पे था जहाँ सारा वो भी क्या जोश क्या जवानी थीघर था बेटे का, चुप ही रहना था उम्र ढलती हुई बितानी थी

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उजाले बाँटने फिर चल पड़े हैं

उजाले बाँटने फिर चल पड़े हैं हमारे दर पे नाबीना खड़े हैंये परदे रेशमी तो हैं यकीनन मेरे सपनों के इन में चीथड़े हैंहवाए-ताजगी ले आएँगे हम

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हमें तुमसे जुदा होना भी होगा

हमें तुमसे जुदा होना भी होगा वो दिन जब आएगा मरना ही होगातसव्वुर में भी शायद मैंने कोई नया कपड़ा कभी पहना भी होगा

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