लुटा कर हर ख़ुशी अपनी तू जिसका साथ पाए है

लुटा कर हर ख़ुशी अपनी तू जिसका साथ पाए है कहाँ दौलत ये हरजाई किसी के साथ जाए है दहेजों के लिए जब लौटकर बारात जाए है

और जानेलुटा कर हर ख़ुशी अपनी तू जिसका साथ पाए है

फूलों-पत्तों ने मिल-जुल कर क्या-क्या साज सजाए हैं

फूलों-पत्तों ने मिल-जुल कर क्या-क्या साज सजाए हैं ये क्या जाने इन पेड़ों ने कितने पत्थर खाए हैं

और जानेफूलों-पत्तों ने मिल-जुल कर क्या-क्या साज सजाए हैं

जिस्म से बिछड़ी हवा यानी हवा में मिल गए

जिस्म से बिछड़ी हवा यानी हवा में मिल गए टूट पुर्जो में जो बेग़ाने हवा में मिल गए

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भीड़ के नाम हो जाएँगे

भीड़ के नाम हो जाएँगे रास्ते जाम हो जाएँगेघूस देने से तो आज भी आपके काम हो जाएँगेरात भर नींद आती नहीं कैसे आराम हो जाएँगे

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सैकड़ों मील चल कर गए

सैकड़ों मील चल कर गए लोग घर से निकल कर गएराह समतल न थी स्वप्न की इसलिए वो सम्हल कर गएउनकी आँखें छलकने लगीं दुःख के बादल विकल कर गए

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