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गीत

Home » गीत » Page 10
 जब सुधि आती गा लेता हूँ।

जब सुधि आती गा लेता हूँ।

  • Post author:sanjay.panday
  • Post published:February 1, 1952
  • Post category:काव्य धारा
  • Post comments:0 Comments

जब सुधि आती गा लेता हूँ। प्रिये! तुम्हारे गाये गीतों को गा मन बहला लेता हूँ।

और जानेजब सुधि आती गा लेता हूँ।
 रोकर दिल बहला लेने दो।

रोकर दिल बहला लेने दो।

  • Post author:sanjay.panday
  • Post published:February 1, 1952
  • Post category:काव्य धारा
  • Post comments:0 Comments

रोकर दिल बहला लेने दो। दिल-दरिया में तूफानों का

और जानेरोकर दिल बहला लेने दो।
 कली खिली कछार में

कली खिली कछार में

  • Post author:sanjay.panday
  • Post published:February 1, 1952
  • Post category:काव्य धारा
  • Post comments:0 Comments

कली खिली कछार में कुसुम दुलार माँगता।

और जानेकली खिली कछार में
 बोलो क्या करूँ स्वीकार?

बोलो क्या करूँ स्वीकार?

  • Post author:sanjay.panday
  • Post published:January 1, 1952
  • Post category:काव्य धारा
  • Post comments:0 Comments

बोलो क्या करूँ स्वीकार?

और जानेबोलो क्या करूँ स्वीकार?
 मेरे आँसू में रंजित है

मेरे आँसू में रंजित है

  • Post author:sanjay.panday
  • Post published:January 1, 1952
  • Post category:काव्य धारा
  • Post comments:0 Comments

मेरे आँसू में रंजित है रजत रश्मिमय हास सुनहला

और जानेमेरे आँसू में रंजित है
 किसकी ध्वनि कानों में आई

किसकी ध्वनि कानों में आई

  • Post author:sanjay.panday
  • Post published:December 1, 1951
  • Post category:काव्य धारा
  • Post comments:0 Comments

किसकी ध्वनि कानों में आई लगता है कोई समीप आ

और जानेकिसकी ध्वनि कानों में आई
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