हरी चूनर पहन कर आ रही वर्षा सोहागिन फिर
हरी चूनर पहन कर आ रही वर्षा सोहागिन फिर
क्षितिज-लालिमा मुसकरा कह रही है
क्षितिज-लालिमा मुसकरा कह रही है
प्राण, तुम्हारे मधुर बोल ही इन गीतों में फूट रहे हैं!
प्राण, तुम्हारे मधुर बोल ही इन गीतों में फूट रहे हैं!