पद और सम्मान
शर्मा जी हँसते-मुस्कुराते मालकिन को उनकी व्यक्तिगत सफलता पर बधाई देने अंदर गए तो वहाँ दूसरा ही भयानक दृश्य देखकर वह सन्न हो गए। मालकिन का इतने दिनों से और इतनी बंदिशों से बनाया हुआ मूड एकदम बिगड़ गया है और चौके में से चावल-दाल निकलवाकर नाली में फेंकवा रही हैं। रणचंडी का रूप धारण कर लिया है और गालियों की बौछार से गानेवालियों को भी मात कर रही हैं