सारे गम तू गा
सारे गम सिर से उतारकर सारे गम तू गा। रूखी धरती पर गंगा-सी हरियाली तू ला।बदल आज के आज मुहर्रम वाले ये चेहरे घुसपैठों का नया सिलसिला चोंच मार ठहरे न्यायालय में मृतक न्याय की प्रेतात्मा नाचे और फिरंगी भूत बजाए तबला ताधिन्ना।
सारे गम सिर से उतारकर सारे गम तू गा। रूखी धरती पर गंगा-सी हरियाली तू ला।बदल आज के आज मुहर्रम वाले ये चेहरे घुसपैठों का नया सिलसिला चोंच मार ठहरे न्यायालय में मृतक न्याय की प्रेतात्मा नाचे और फिरंगी भूत बजाए तबला ताधिन्ना।
ख़फ़ा मुझसे हुआ था एक दिन वोमैं अपने आप से अब तक ख़फ़ा हूँन उलझो बे-वजह साए से मेरेतुम्हारी सोच से आगे खड़ा हूँ
नवनीत मार्गदर्शी हो तथा विचारधाराएँ जीवनप्रवाह की सततता को नवोन्मेषी बनाती हों और डॉ. शोभा जैन के इस वैचारिक
रोटी देता खेत हैबिना खेत के महल-अटारी धूप चमकती रेत है। झूठी शानो-शौकत लेकर साहब बड़े तबाह हैं कोरोना के एक डोज मेंरंक हो गए शाह
नवीन चुपचाप खड़ा देख रहा था और सोच भी रहा था कि कैसे कुछ साल पहले सोमा ने माँ के पुराने सामान और फर्नीचर को रद्दी के
तीन रंग का ध्वज फहराता भारत लेकिन है सतरंगा हम विषपायी इसीलिए हैं क्योंकि हमारी माँ है गंगा।धरती भारत, नभ भारत है