मिठाई बनाने वाले
आँखों में परख परख भी एकदम पाग चिह्न लेने वाली इतने सब के बाद बोली तो मीठी होनी ही थी सो भी है। लेकिन कलेजा? मठूस हलवाई कहीं का बचपन में ही काले रसगुल्ले की कीमत
आँखों में परख परख भी एकदम पाग चिह्न लेने वाली इतने सब के बाद बोली तो मीठी होनी ही थी सो भी है। लेकिन कलेजा? मठूस हलवाई कहीं का बचपन में ही काले रसगुल्ले की कीमत
है जो परिवर्तन नियम तो सब बदलना चाहिए था फिर तो सूरज को भी पश्चिम से निकलना चाहिए था यूँ तो बदला जा चुका है जाने क्या क्या लेकिन अब तक वो नहीं बदला गया है जो बदलना चाहिए था
उसकी जवानी के रास्ते में सबसे पहले उससे एक मुसलमान टकराया जो उसकी जुल्फों का कैदी होना चाहता था लेकिन उसने उसको सूअर कह दिया।
काम की गुणवत्ता ऐसी कि अन्य तो करते ही उसकी नकल कंपनी की भी जय-जय होती, वह मालामाल होतीकंपनी जब भी संकट में फँसती वही तारणहार, संकटमोचक होता वह जितना देता उससे उतनी ही माँग बढ़ जाती
शादी के सवाल पर पत्रकारों को वह एक ही जवाब देती कि उसे अभी ब्रह्मांड में खोजे से भी सपनों का राजकुमार नहीं मिल रहा जैसे ही वह मिलेगा धूम-धड़ाके से उससे शादी रचाएगी।
पैर अशक्त हो चुके हैं आँखें निस्तेज और कंठ सूख गया है। दूरियाँ पाटे नहीं पट रही थीं। उसी रास्ते जब लौटना हुआ दुबारा-तिबारा फिर जाना हुआ दूरियाँ तीन सौ किलोमीटर की दो-एक किलोमीटर में सिमटने लगीं।