नौकुछिया ताल में
नौकुछिया ताल में मैंने पैरों को पानी में डाला कौन से ताल में पहले में या दूसरे में या नौवें ताल में जिसमें भी मैंने डाले पैर नौ
नौकुछिया ताल में मैंने पैरों को पानी में डाला कौन से ताल में पहले में या दूसरे में या नौवें ताल में जिसमें भी मैंने डाले पैर नौ
उसके पास मेरी ख़ताओं की लंबी फ़ेहरिस्त है बेहिसाब उलाहनों के ग्रंथ उसके पास जाते ही हो जाती हैं मेरी ढालें नाकाम उसके सामने पस्त पड़ी हैं मेरी शमशीरें मुश्क़िल है उसे यक़ीन दिलाना कि मैं उसे चाहता हूँ
दिशाएँ जब छोड़ देंगी इशारा करना मेरा दृढ़ मनोरथ भाँप छोड़ देंगे कुत्ते और चमचे वफ़ादारी छोड़ देगी गौरैया मेरे आँगन में फुदकना मैं तुम्हें पुकारूँगा अपनी पूरी कातरता के साथ फिलहाल अभी मैं तुम्हें ललकारता हूँ
थोड़ा-थोड़ा ही सिलता उम्र की लंबा थान थोड़ा-थोड़ा ही सुखी होता रहा दुःख के संभावित हमलों के भय से थोड़-थोड़ा ही सोया ताकि फिर आ सके नींद इसलिए भी थोड़ा ही सोया ताकि काम कर सकूँ ढेर सा थोड़ी सी प्यास, थोड़ा सा संकोच
सब्ज़ियाँ काटते समय भी वह खोई रहती है किसी और दुनिया में खाने बैठो साथ तो खुल जाती है उसकी स्मृतियों की पिटारी उसका गाँव, खेत-खलिहान सब कुछ सब्ज़ियों की उँगली पकड़े आ जाते हैं स्मृतियों से बाहर निकल कर
जिसकी छुरी की तेज़ धार बिना बटखरे के भी काटती है नपातुला माँस एक दीप जो बुझने के अरसे बाद होता है प्रज्ज्वलित सदियों बाद तेज़तर होती जाती है उसकी लौ!!