सुबह

फूल की सुगंध में सुबह जल की लहरियों पर सुबह पंछी के परों पर सुबह धरों पर सुबह छतों, छज्जों पर सुबह उपवन में सुबह चितवन में सुबह

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आश्वासन

हीं, मैं नहीं दे सकता कोई आश्वासन साथ निभाने का प्यार से जीवन सँवारने का तुम्हारी हथेली पर मेहँदी का रंग चढ़ाने का, बाँहों में कसने का

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ददिया की कहानी

ददिया मुझे सुना दो फिर छोटी सी एक कहानी जिसमें प्यारा सा राजा हो और प्यारी सी रानी राजा हो ऐसा न्यारा, जो न्याय सदा ही करता हो

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गधे का चित्र देखकर

यही गधा था जो मुस्कुरा रहा था अकाल पीड़ित गाँव के शौचालय की दीवार पर भी यही गधा था जो मुस्कुरा रहा था टीवी पर जो जनसभा हमने देखी थी

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