सुबह
फूल की सुगंध में सुबह जल की लहरियों पर सुबह पंछी के परों पर सुबह धरों पर सुबह छतों, छज्जों पर सुबह उपवन में सुबह चितवन में सुबह
फूल की सुगंध में सुबह जल की लहरियों पर सुबह पंछी के परों पर सुबह धरों पर सुबह छतों, छज्जों पर सुबह उपवन में सुबह चितवन में सुबह
हाथ से छूट गई डाल कहती हुई मानो : नहीं, और मत तोड़ो, फूल बहुत हैं, जितने हैं हाथ में छोड़ो...और मत तोड़ो!
हीं, मैं नहीं दे सकता कोई आश्वासन साथ निभाने का प्यार से जीवन सँवारने का तुम्हारी हथेली पर मेहँदी का रंग चढ़ाने का, बाँहों में कसने का
यह कैसी विडंबना है कि तुम्हें किसी बच्ची में युवती में या वृद्धा में किसी भी रिश्ते की झलक नहीं दिखाई देती
ददिया मुझे सुना दो फिर छोटी सी एक कहानी जिसमें प्यारा सा राजा हो और प्यारी सी रानी राजा हो ऐसा न्यारा, जो न्याय सदा ही करता हो
यही गधा था जो मुस्कुरा रहा था अकाल पीड़ित गाँव के शौचालय की दीवार पर भी यही गधा था जो मुस्कुरा रहा था टीवी पर जो जनसभा हमने देखी थी