रेतीले टीले
रेतीले टीले उपेक्षा, अवज्ञा, अस्वीकृति से क्या डरना एक अनजान भय कि छतरी को खोल कर क्यों चलना जीवन के मोड़ सड़कों की तरह स्पष्ट नहीं होते कोई सूचना पट भी नहीं लगा होता कि आगे तीव्र मोड़ है रफ्तार धीरे कर लें
रेतीले टीले उपेक्षा, अवज्ञा, अस्वीकृति से क्या डरना एक अनजान भय कि छतरी को खोल कर क्यों चलना जीवन के मोड़ सड़कों की तरह स्पष्ट नहीं होते कोई सूचना पट भी नहीं लगा होता कि आगे तीव्र मोड़ है रफ्तार धीरे कर लें
आधे-अधूरे कपड़ों में बड़ी बेहयाई से रैंप वॉक करता है झूठ सच के सलीके से पहने कपड़े खींचते हैं लोग इधर-उधर से!