नाटक
उन्हें इंतजार है उनके हिस्से की तालियों का, कि उन्होंने भी सहायक भूमिका निभाई है। बाकियों की तरह अपने किरदार से बाहर आने का उन्हें कोई इंतज़ार नहीं।
उन्हें इंतजार है उनके हिस्से की तालियों का, कि उन्होंने भी सहायक भूमिका निभाई है। बाकियों की तरह अपने किरदार से बाहर आने का उन्हें कोई इंतज़ार नहीं।
पहाड़ों में गाड़ी ठेलते हुए खाई से नीचे झाँकता हूँ तो लगता है समंदर दिखेगा और एक नाव हवा में बहती हुई मेरे पास आ जाएगी जेबों में इस दृश्य की कोई तस्वीर या चित्र नहीं है एक कविता हो सकती है
एक छोटी नहर त्रिवेणी जैसी जिसे मैं कदम भर में लाँघकर पढ़ सकता हूँ दूर कहीं बहकर कहते हैं किसी नदी में जाकर मिलती है एक नदी महाकाव्य जैसी जिसमें मूर्तियों के साथ कभी मेरा भी विसर्जन हो, ऐसा मैं चाहता हूँ
शोषण की ओर जाते हैं समाज प्रेम में छुअन की भूमिका को छिपा रहा है मंदिर में रखी मूर्ति के पीछे और किसी पुरानी किताब के पीछे हमें पता है
रंग सकता था दीवाल को भी हरा, सफेद, काला या कोई भी रंग जो उसके पास होता रंग नहीं होता तो रंग सकता था सड़क से समेटकर धूल का भूरा रंग
उन्हें मालूम है कि भीड़ का होना इस दुनिया का होना है भीड़ जो बनती है इस मुल्क में वतन की लौ जैसे मशालें जलती हैं धरती के इस कोने