बदलते परिवेश
यह दुनिया बदल गई है बदल गया है सोचने का ढंग चाल ढाल फैशन और मुलम्मा ने
यह दुनिया बदल गई है बदल गया है सोचने का ढंग चाल ढाल फैशन और मुलम्मा ने
आज तुम्हें होना चाहिए था जेठ की चिलचिलाती रेत पर हम चल लेते, बहुत होता तो
तुम मुझे एक कप चाय पिलाके मुझसे क्या कहलवाना चाहते हो
अभी घर में मैं हूँ और मेरी माँ है लेकिन माँ चिंतित और उदास है मेरे भाई को घर से निकले दो घंटे हो चुके हैं