रखते हैं आकाश
अचानक से कोई रोक दे नदी का बहना और असंगत हो जाए विस्थापित नियमों से!
अचानक से कोई रोक दे नदी का बहना और असंगत हो जाए विस्थापित नियमों से!
वे जो दिखते हैं हमारे आसपास बड़ी नैतिकता वाले लोग पेड़ों को काटकर सजाते हैं अपने घर
बीज उड़ता है आसमान में बहता है नदी की धार में जानवरों की अँतड़ियों और चिड़ियों की चोंच में फँसकर चला जाता है सरहदों के पार दूर तक