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कविता

Home » कविता » Page 36
 कर्ज

कर्ज

  • Post author:abhiranjan.priyadarshi
  • Post published:December 1, 2021
  • Post category:काव्य धारा
  • Post comments:0 Comments

समंदर को बहुत सा कर्ज देना है नमक का

और जानेकर्ज
 प्रेम

प्रेम

  • Post author:abhiranjan.priyadarshi
  • Post published:December 1, 2021
  • Post category:काव्य धारा
  • Post comments:0 Comments

उन्होंने गूँथ लिया प्रेम अपने बालों में!

और जानेप्रेम
 महाशंख

महाशंख

  • Post author:abhiranjan.priyadarshi
  • Post published:December 1, 2021
  • Post category:काव्य धारा
  • Post comments:0 Comments

इनकी मुखरता जगा सकती है पत्थर को भी महाशंख बनकर...महाशंख बनकर!

और जानेमहाशंख
 पलायन

पलायन

  • Post author:abhiranjan.priyadarshi
  • Post published:December 1, 2021
  • Post category:काव्य धारा
  • Post comments:0 Comments

शिशु के क्रंदन से चीखते हैं प्रश्न, काश, जुटा पाती साहस दोनों से न भागने का।

और जानेपलायन
 बिछुड़न
Two Peasant Boy with a kite by Alexey Venetsiasov

बिछुड़न

  • Post author:abhiranjan.priyadarshi
  • Post published:December 1, 2021
  • Post category:काव्य धारा
  • Post comments:0 Comments

मेले में बिछड़े बच्चे सी खो गई पतंग...

और जानेबिछुड़न
 विरुद्ध

विरुद्ध

  • Post author:abhiranjan.priyadarshi
  • Post published:December 1, 2021
  • Post category:काव्य धारा
  • Post comments:0 Comments

न्यूटन के गति के तीसरे नियम का तुम उल्लंघन नहीं कर सकते, यह विरुद्ध है विज्ञान और प्रकृति दोनों के।

और जानेविरुद्ध
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  • किस तरफ निकले थे
  • कभी महसूस होता है
  • तुझको दिल में बसा लिया मैंने
  • मेला उदास हैं न
  • ज़िंदगी हम तेरा रस्ता देखते हैं

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