पाप न होई
जैसी कद-काठी हो वैसी ही लाठी हो वासुदेव! वासुदेव बातों की देवी को लातों की पड़ी टेव!
जैसी कद-काठी हो वैसी ही लाठी हो वासुदेव! वासुदेव बातों की देवी को लातों की पड़ी टेव!
इच्छाएँ पूरी होने के दिन होते हैं अनाज फटके जाने के दिनऔरतें बाकायदा गीत गा रही होती हैं आपस में सपने बतिया रही होती हैं
तू अकेली है तो क्या... तू जमीन बन/तू आसमान बन तू शिखर बन/तू हवा बन बह
होता ही रहेगा यह विक्रम और बैताल, सच भी चलता रहेगा अपनी चाल।मैंने उसे सच कहा और उसको खो दिया।