एक तलाश ऐसी भी

बरगद की तलाश में टहलते अहसास को मैंने चेतावनी दी आगाह किया कुल्हाड़ियों की तेज धार से फिर भी जज्बात मुखर हो गए।लाख सँभाला समझाया दिखलाया राह के रोड़े रूसवाइयों के थपेड़े फिर भी उग आए

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आधी दहलीज पर औरतें

उम्र की आधी दहलीज पार कर चुकी औरतें सुबह-सुबह ढूँढ़ती हैं जीवन में अदरक की चाय सी महक देर तक बैठ सुस्ताती हैं सुनती हैं बीत चुकी उम्र की गूँज

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