नीलकंठ
नीलकंठ Troubled by Wassily Kandinsky- WikiArt

नीलकंठ

जब हम अपनी हवस में ऊँचा और ऊँचा उठने के लिए हवा में घोल रहे होते हैं–- जहर तब वह दिन में नीलकंठ की तरह उसका विष चूस रहा होता है ताकि हम बचे रह सकें–- जहरीली हवाओं से

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 प्रतिश्रुति
प्रतिश्रुति-The-open-door-by-Henri-Martin--WikiArt

प्रतिश्रुति

हाँ, कहा था तुमको– मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा तुम्हारे लिए तब मालूम नहीं था कि सप्तपदी में एक ऐसा भी विधान है जिसमें पाणिग्रहण से पहले वर-वधू से अपने-अपने पूर्व संबंधों को स्वाहा– कर कहा जाता है– ‘शुद्ध होने को!!’

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 मुहल्ले की लड़कियाँ
मुहल्ले की लड़कियां Bride_s Toilet by Amrita Sher-Gil- WikiArt

मुहल्ले की लड़कियाँ

आपस मे गूँथी दोनों हथेलियों को माथे पर रखकर जब गुजरते थे मुहल्ले की गली से तब निकल आते थे पंख उल्लास के और तन-मन दोनों हो जाते थे–- प्रफुल्लित।

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कराहना रोक दो भाई

कराहना रोक दो भाई कराहते रहने से बदलती नहीं है किस्मत किस्मत बदलने के लिए कसाई को खत्म कर देने तक की उठानी ही होती है हिम्मत

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 जिंदगी
ज़िन्दगी The Smiling Spider by Odilon Redon- WikiArt

जिंदगी

अंधी सुरंग हैयह जिंदगीकुओं और खाइयों से भरीचमगादड़ की चीखऔरमकड़ों के जालों से बुनीगधों की लीदऔरश्वानों के मूत से लिथड़ीबाघिन की गंध जैसी बदबूदारभेड़ियों जैसी हत्यारीकेंचुओं जैसी घिसटतीनालों की तरह…

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