प्रगति
प्रगति Murnau view with railway and castle by Wassily Kandinsky- WikiArt

प्रगति

ट्रेनें चला करती थीं देरी से लाइनें होती थीं सिंगल जब तक एक गाड़ी दूसरे स्टेशन पर पहुँच न जाती

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गिरवी दर गिरवी

स्मृतियों में बचपन की बारिश का दखल अब भी बचा बसा है इतना सघन बरजोर कि भीग जाता है जब तब उसकी नर्म गुदगुदी से सारा तन मन

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 स्त्री देह का उत्सव
Costumes Parisiens Fashion Illustration No.30, Journal Des Dames Et Des Modes, 1912. Manteau De Zibeline by George Barbier

स्त्री देह का उत्सव

भूमंडलीकरण के इस दौर में पश्चिम की तमाम उत्सवधर्मिता हम चाहे अचाहे कर रहे हैं आयातित अपने बुद्धि विवेक को ताखे पर रखकर भी

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बचपन की बारिश

स्मृतियों में बचपन की बारिश का दखल अब भी बचा बसा है इतना सघन बरजोर कि भीग जाता है जब तब उसकी नर्म गुदगुदी से सारा तन मन

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