बच्चे के शिक्षक को पत्र

उसे नदियों और पेड़ों और पर्वतों के बारे में बताना उसे बरगद के बारे में बताना तो कली और तुलसी के बारे में भी नीम और पीपल, बादल और बिजली के बारे में बताना अजगर, हाथी, घोड़ों के बारे में बताते हुए बेचारे एक केंचुए को न भूल जाना

और जानेबच्चे के शिक्षक को पत्र

हक़

पक्षियों को अपने फैसले खुद लेने दो उड़ने दो उन्हें हिन्द से पाक और पाक से हिन्द के पेड़ों की ओर एक तेज हिकारत की नजर फेंकता हुआ बिक्री और खरीद के बीच के पतले सूराख से गेहुँवन की तरह अदृश्य हो गया एक सच्चा खारा ठनकता हुआ जिस्म

और जानेहक़

हाथ हमारे

वे हमारे हाथ हैं उन्होंने उठाया है बोझा उन्होंने कलम और तलवार चलाई है उन्होंने हथौड़े से कूटा है लोहा तो पेंसिल भी छीली है उन्होंने काटे हैं पहाड़ तो तराशे हैं हीरे-मोती भी।

और जानेहाथ हमारे

मानव छोड़

कठोर सच! मानव मानव बनने की होड़ में मानव छोड़ सब कुछ बना यथा नेता-अभिनेता, क्रेता-विक्रेता, कवि-लेखक, स्वामी-सेवक और बहुत कुछ........

और जानेमानव छोड़

अफ्रीका

अफ्रिका एक ऐसी रचना है, जिसमें महाकवि ने बिल्कुल पिछड़े महादेश अफ्रिका के निर्दोष, निर्बोध आदिमवासियों के ऊपर होनेवाले तथाकथित सभ्य पाश्चात्य जगत के अमानुषिक व्यवहार के प्रति अपना संवेदनशील विरोध प्रगट किया था

और जानेअफ्रीका