भूल जाने दे
भूल जाने दे मुझे अपनी समूची कल्पना बादलों का घूँट पी पीकर बनी जो चाँदनी भूल जाने दे परागी तारिकाओं की विभा
भूल जाने दे मुझे अपनी समूची कल्पना बादलों का घूँट पी पीकर बनी जो चाँदनी भूल जाने दे परागी तारिकाओं की विभा
तुम्हारे नयन-रथ में ही सूर्य सवार हो कर भ्रमण करेंगे : जगत-पहिया खोजने के लिए ।
देश-काल-स्वागत में ऋतुओं का दीपक समंदर-सा खारा है बाती का अंतरीप न्यारा है