प्राची में रवि विहँस रहा

उठो साथियो ! निशीथ का अब हो चला विनाश और देखो व्योम में– रजनी कालिमा का अवशेष ! अब देख इधर– प्राची में रवि शोणित-सी-लाली लिए राष्ट्र के सोये हुए कुम्हलाए, शोषित-पीड़ित मानव को जगाने के लिए इस ओर संकेत करता आ रहा।

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