नया लेखक :: क्या करे बेचारा?
नया लेखक क्या करे बिचारा? कोई है काँटों का रास्ता दिखाता
नया लेखक क्या करे बिचारा? कोई है काँटों का रास्ता दिखाता
जो दिल ही समुंदर लहर भावना हो कहो चाँद मेरे! रुकें ज्वार कैसे? जो तैराक को ही हो तिनका बनाए
बड़े सवेरे रोज नींद से जब मैं आँख खोल जग जाती, नन्हीं चिड़िया एक सामने आ बातें करने लग जाती।
बाट जोहते प्राण, तुम्हारी गई विरह की रात। दुख पर सुख की मधुर पुलक-सा