वे वादे कितने झूठे थे!

उस आत्मसमर्पण के क्षण में, उन प्रथम मिलन की रातों में मैंने थे वादे किए बहुत तुझसे बातों ही बातों में

और जानेवे वादे कितने झूठे थे!