भागो मत, दुनिया को बदलो!
मानव ही तो इस दुनिया का इतिहास बदलता आया है
ओ बालिके कला की!
मिट्टी का आँगन, मिट्टी का घर, मिट्टी की चाकी मिट्टी सनी कर्मरत करतलियाँ मेहदी से आँकी
जीवन का व्यापार
बीत गए जो दिन, उनका है आँसू ही आभार! सखि, यह जीवन का व्यापार!
मानव ही तो इस दुनिया का इतिहास बदलता आया है
मिट्टी का आँगन, मिट्टी का घर, मिट्टी की चाकी मिट्टी सनी कर्मरत करतलियाँ मेहदी से आँकी
बीत गए जो दिन, उनका है आँसू ही आभार! सखि, यह जीवन का व्यापार!