प्रगति की ओर
दोस्ती के नाम पर कुछ भी कर गुजरेंगे ये हमारी कायरता नहीं महानता का है प्रमाण कि अपने जवानों की जघन्य हत्याओं के बावजूद हम शांति का चालीसा पढ़ रहे हैं
दोस्ती के नाम पर कुछ भी कर गुजरेंगे ये हमारी कायरता नहीं महानता का है प्रमाण कि अपने जवानों की जघन्य हत्याओं के बावजूद हम शांति का चालीसा पढ़ रहे हैं
अनजान बने हो किसके उकसावे में तने हो, घर की बात बाहर उछालने तीसरे के आगे पूँछ हिलाने में शान समझते हो
सबसे अधिक सुंदर और सबसे अधिक पवित्र आखिर क्या हो सकता है इस संसार में?
पहाड़ियाँ हैं, पहाड़ियों पर कायम है किले कायम किलों में कायम हैं अनगिनत तहखाने अनगिनत तहखानों में कायम हैं अनगिनत पिंजरे अनगिनत पिंजरों में बंद हैं अनगिनत वे पक्षी
मैं जहाँ होता हूँ पता नहीं चलता वहाँ कोई और है या नहीं जो मुझमें हैं गुमसुम हैं
यदि मैं पथ भूल जाऊँ या पथ को नहीं हो स्वीकार मेरा चलना वह बना ले अपने को अगम्य अथवा कर दे तुझे घोषित अपांक्तेय