भुट्टे वाला

कॉलोनी में भुट्टे वाला आया था। चिल्ला रहा था, ‘ये दखो मैडम आपकी मुस्कानों जैसे भुट्टे। ताजादम दोनों की कतारें देखो आप तो। एक-एक भुट्टे के हरे दुशाले खींच बताते जाता ‘आपलोग की हँसी की

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फर्क

शेर और आदमी गुफा में लेटे हुए थे। तभी एक चूहा आया, शेर को छोड़ आदमी के ऊपर रेंगने लगा। आदमी ने पकड़ लिया उसे। आदमी के हाथ में आते ही दम घोटू आवाज में चिल्ला पड़ा, ‘शेर! शेर!!

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अवदान

देखो भाई, मोहब्बत का झोंका और सोचने का मौका, इनका क्या साथ’–शैतान ने हँसते हुए कहा और औरत के घर की तरफ चल दिया। वहाँ पहुँचा तो वह भौचक्का रह गया। वह देखता है कि ईश्वर उस औरत के पास बैठा बातें बना रहा है, रह-रह मुस्करा पड़ता है, उसके तो सिर से लेकर पैर तक आग लग गई। इतने में ईश्वर उठा और चल दिया।

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संशयग्रस्त समय

घड़ियाल ने बीच में टोक दिया, ‘वक्त बेवक्त सब करना पड़ता है आखिर मैं भी तो बंदर के सामने रोया कि नहीं! हम में से किसी को किसी पर रत्ती भर भरोसा नहीं था।’ शेर समझता मैं और घड़ियाल मिले हुए हैं।

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