आत्मिक बंधन
जिद्दी पत्नी नहीं मानेगी। वह स्वयं बर्दाश्त कर सकती है पर उन्हें कष्ट हो यह श्रीमती जी को बर्दाश्त नहीं!
जिद्दी पत्नी नहीं मानेगी। वह स्वयं बर्दाश्त कर सकती है पर उन्हें कष्ट हो यह श्रीमती जी को बर्दाश्त नहीं!
मैं विकलांग होकर जीवन चला सकता हूँ, तो तुम पढ़ी-लिखी एवं सर्वांग होते हुए भी अपना जीवन क्यों नहीं चला सकती?
लेन-देन की बात क्या करूँगा! मैं तो चाहता हूँ कि मेरा बेटा आप ले लें और अपना बेटा मुझे दे दें।
पापा! अगर मैं अपने पैरों पर खड़ा नहीं भी हो सका हूँ तो क्या! वह तो अपने पैरों पर खड़ी है
छोटे शाह के नजदीकियों को तमाम हालात का इल्म था। वो मैनेजर की बेजा हरकतों से भी वाकिफ़ थे। पर शाह मंजिल की दीवारों पर उनकी गिरफ्त कमजोर हो चली थी। शाह मंजिल की तमाम बेगमें बस्ती के अपराधियों के हाथों बेबस हो गई थीं।
स्त्रियों को नौकरी नहीं करनी चाहिए। राजनीति करने की जरूरत नहीं। दूसरा, वो हथियारों का जखीरा रखेंगे, उन्हें नष्ट नहीं करेंगे लेकिन दूसरे राष्ट्रों को हथियार नहीं बनाना होगा।