ढाई आखर प्रेम का…

‘वक्त ने बालों में चाँदी भर दी इघर-उधर जाने की आदत कम कर दी कभी अँधेरा, कभी सवेरा है जीवन आज और कल के बीच का फेरा है जीवन।

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माहेश्वर तिवारी शब्द की बाँसुरी से रचे मंत्र

गीत की अंतर्वस्तु के सहज संप्रेषण के लिए उपयुक्त और सक्षम भाषा माहेश्वर तिवारी के पास है। उनके बिंबों में भी अनुभवों और विचारों को वहन करने की शक्ति भरपूर है।

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साहित्य में नैतिकता की समस्या

साहित्य का यह समन्वयात्मक रूप ही उसका विशिष्ट उद्देश्य परिलक्षित होगा। कोई भी साहित्य जो हमें यह आदेश दे कि हम सौंदर्य प्रेमी हैं

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कन्हैयालाल नंदन से वे अद्भुत मुलाकातें

उपन्यास पूरा हुआ तो मैंने नंदन जी से कहा, ‘आप पत्रकार हैं और यह पत्रकारिता पर लिखा गया उपन्यास है।

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साहित्य के सरोकार एवं साहित्कारों के दायित्व

दुनिया में साहित्य सृजन का कार्य ही ऐसा है जिसके लिए प्रकृति स्वयं व्यक्ति का चयन करती है। ऐसे प्रकृति द्वारा चयनित व्यक्ति ही

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