मेरा सर्जना कर्म
जब समाज किसी सर्जक का सम्मान करता है तब वह सम्मान उसके व्यक्तित्व का कम और उसकी सर्जना का अधिक होता है।
जब समाज किसी सर्जक का सम्मान करता है तब वह सम्मान उसके व्यक्तित्व का कम और उसकी सर्जना का अधिक होता है।
उपन्यास पूरा हुआ तो मैंने नंदन जी से कहा, ‘आप पत्रकार हैं और यह पत्रकारिता पर लिखा गया उपन्यास है।
दुनिया में साहित्य सृजन का कार्य ही ऐसा है जिसके लिए प्रकृति स्वयं व्यक्ति का चयन करती है। ऐसे प्रकृति द्वारा चयनित व्यक्ति ही
फकीर मोहन सेनापति ओड़िया साहित्य का अमर कथाशिल्पी हैं। ओड़िया साहित्य को नया यथार्थवादी लेखन की भूमि तैयार करने का श्रेय इन्हें
मैंने ‘जाति’ पर सबसे ज्यादा यदि कविताएँ लिखी हैं तो उसके पीछे उपर्युक्त घटनाएँ और दुर्घटनाएँ ही परोक्ष रूप से काम करती रही हैं। मेरा अतीत यदि कुछ और होता तो कभी भी जाति मेरा प्रिय विषय नहीं होती।
कहानियाँ जो वर्तमान को गहराई से अंकित तो करे ही, एक गंभीर व सकारात्मक भविष्य-दृष्टि भी सृजित करे, जिससे हमारे समाज को संचालित करने वाली शक्तियाँ सचेत हो सकें।