साहित्य-ऋषि उदय राज सिंह
एक समय था जब बिहार पत्र-पत्रिकाओं की मरुभूमि के नाम से कुख्यात रहा, इसका कारण प्रतिभाशाली पत्रकारों या प्रबुद्ध पाठकों की कमी नहीं थी बल्कि एक संयोग था कि यहाँ के विद्वान कलकत्ता, दिल्ली, बनारस मुंबई, लखनऊ, कानपुर से प्रकाशित होनेवाली पत्र-पत्रिकाओं के संपादक थे और यहाँ के पाठक अन्य प्रदेशों से निकलनेवाली पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ रहे थे।