शिवकुमार मिश्र–बीहड़ पर्वत से फूटता एक निर्झर
डॉ. मिश्र में संबंधों के निर्वाह की धारणा प्रबल थीं। वे प्रत्येक स्थिति में संबंधों को प्राथमिक तौर पर महत्त्व देते थे। मेरे सुपुत्र की पीएच.डी. की थीसिस के मूल्यांकनकर्ता थे। अब तक वे गुजरात के आनंद पहुँच चुके थे।